अनंत नामधेयाय सर्वाकारविधायिने समस्तमंत्र वाच्याय विश्व एकपतये नमः ।।
जिसके अनन्त नाम हैं, जो समस्त आकारों का रचयिता है, जो समस्त मंत्रो का अभिव्यक्त अर्थ है जो विश्व का एक मात्र स्वामी है, उसे नमस्कार है ।
Bowing before the one Who has innumerable names Who is explicit meaning of all chants Who is sole guardian of world